मुकद्दर ने हमें कभी, रुलाना नहीं छोड़ा। मुकद्दर ने हमें कभी, रुलाना नहीं छोड़ा।
मुझे गैरों ने नहीं अपनों ने मारा है मुझे गोलियों ने नहीं बोलियों ने मारा है, मुझे गैरों ने नहीं अपनों ने मारा है मुझे गोलियों ने नहीं बोलियों ने मारा है,
मेरे मन ने आज एक ख्वाहिश की है. मेरे मन ने आज एक ख्वाहिश की है.
गुजारिश है सभी से मेरी, अपने जीने का मकसद यही बनाना । गुजारिश है सभी से मेरी, अपने जीने का मकसद यही बनाना ।
दैत्य ने कहा दैत्य ने कहा
मेरे सेंटा मेरे पापा साथ हर दिन निभाते हैं रात हो या दिन मेरी हर मुस्कराहट की खातिर मेरे सेंटा मेरे पापा साथ हर दिन निभाते हैं रात हो या दिन मेरी हर मुस्कर...